Not known Details About Shiv chaisa
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योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। नारद शारद शीश नवावैं॥
पुत्र होन कर इच्छा जोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥
ॠनियां जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥
शिव चालीसा के माध्यम से आप भी अपने दुखों को दूर करके शिव की अपार कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।
शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥
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दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर । जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥ राम दूत अतुलित बल धामा
देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥
अर्थ: माता मैनावंती की दुलारी अर्थात माता पार्वती जी आपके बांये अंग में हैं, उनकी छवि भी अलग से मन को हर्षित करती है, तात्पर्य है कि आपकी पत्नी के रुप में माता पार्वती भी पूजनीय हैं। आपके हाथों में त्रिशूल आपकी छवि को और भी आकर्षक बनाता है। आपने हमेशा शत्रुओं का नाश किया है।
On Trayodashi (13th day of your darkish and vibrant fortnights) a person really should invite a pandit and devotely make offerings to Lord Shiva. People who fast and pray to Lord Shiva on Trayodashi are generally healthful and prosperous.
नित्त नेम कर प्रातः Shiv chaisa ही, पाठ करौं चालीस।
द्वादश ज्योतिर्लिंग मंत्र